अब किससे दिखाऊं
अब किससे दिखाऊं
अपने दिल का दरार
सौदागर बन बैठी है
मेरे सपनों की यार
प्रतीक्षा करवा रही है
करने, दो पल का तकरार
क्या बोलूं उन्हें
वह है, यादों का गुलाबी संसार
उनकी चेहरा साफ कहती है
वह करती है इंतजार
लेकिन वह करती है इनसे
साफ-साफ दर किनार
उसकी तेबर कहती है
आजाद पंछी है वह यार
आंखों में लिए घूमती है
खूनी आत्मा संसार
संगम सी घुली हुई है
कितने रंगों का खार
भूरी जरा देख
तुम्हें आएगी तरस हर बार
कुछ बोल नहीं पाओगी
दोगी खुद से खुद को धिधकार
फिर करने लगाओगी
अनुबंध में एक दूजे को प्यार
अब किससे दिखाऊं ,,,,
संदीप कुमार अररिया बिहार
© Sandeep Kumar
hema mohril
26-Mar-2025 05:04 AM
amazing
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